ब्रजभाषा के कवि देवकीनन्दन कुम्हेरिया का निधन
मथुरा । ब्रजभाषा काव्य रचना में हास्य-व्यंग्य के स्थापित रचनाकार श्री देवकीनन्दन कुम्हेरिया का आज प्रात: आकस्मिक निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार गोवर्धन के बड़ा बाजार निवासी श्री कुम्हेरिया लगभग 87 वर्ष के थे। उन्होंने अपने पीछे चार पुत्रों एवं एक पुत्री का भरा-पूरा परिवार छोड़ा है।
पिछले कुछ वर्ष पूर्व गिर जाने के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी चटक गई थी। इस वजह से वे ज्यादा चल फिर नहीं पाते थे और गोवर्द्धन स्थित अपने निवास पर ही रहते थे।
ब्रज रस माधुरी, पत्नी-पुराण,गिर्राज-वंदना तथा हम फागुन में ससुरार गए जैसीं अपनी लगभग एक दर्जन कृतियों से माँ सरस्वती के भंडार में योगदान देने वाले कुम्हेरिया जी लगभग 60 वर्षों से कवि-सम्मेलनों के मंच पर सक्रिय थे। प्रारंभ में आपने कई समाचार पत्रों के लिए गोवर्द्धन से समाचार प्रेषण का कार्य भी किया।
साहित्यिक सेवाओं के लिए श्री कुम्हेरिया जी को साहित्य-मण्डल नाथद्वारा द्वारा ब्रजभाषा-विभूषण की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। इसके अतिरिक्त उन्हें श्री पीतलिया-स्मृति सम्मान तथा सूर श्याम सेवा मण्डल द्वारा महाकवि सूर सम्मान जैसे प्रतिष्ठित सम्मान भी समय-समय पर प्राप्त हो चुके थे।
प्रारंभ से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे श्री कुम्हेरिया ने आपातकाल तथा मीसा का जोरदार विरोध किया था जिसके कारण उन्हें 19 माह की अवधि जेल में काटनी पड़ी थी। बाद में मुलायम सिंह यादव सरकार द्वारा इसके लिए उन्हें लोकतंत्र सेनानी के रूप में सम्मानित भी किया गया था।
श्री कुम्हेरिया के निधन पर पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया, राम निवास शर्मा ‘अधीर’,अशोक अज्ञ, राधा गोविंद पाठक, डॉ.नटवर नागर, उपेन्द्र त्रिपाठी ‘गरलकण्ठ’, श्रीकृष्ण ‘शरद’, डॉ.अनिल गहलौत, संतोष कुमार सिंह आदि साहित्यकारों ने उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसे ब्रजभाषा साहित्य की अपूरणीय क्षति बताया है।
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