ऑटो कंपनियों ने कर्मचारियों को दिया भरोसा, न सैलरी कटेगी न नौकरी जाएगी
नई दिल्ली। देश में कोरोना लॉकडाउन के चलते ऑटो कंपनियों में बंदी चल रही थी , ऐसे में कर्मचारियों को संदेह हो रहा था कि लॉकडाउन खुलने के बाद नौकरी और सैलरी में अवश्य ही कटौती होगी परंतु ऑटो कंपनियों ने कर्मचारियों का भरोसा दिया है कि ना तो उनकी नौकरी ही जाएगी और ना ही सैलरी काटी जाएगी।
यूरोपीय कार निर्माता स्कोडा-फॉक्सवैगन और रेनो की भारतीय इकाइयों और चीनी स्वामित्व वाली एमजी मोटर ने अपने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उनकी सैलरी और नौकरी सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि भले ही संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन की वजह से व्यापार प्रभावित हुआ है और कैश का फ्लो खत्म हो गया है, लेकिन हमारे कर्मचारियों को डरने की जरूरत नहीं है। उनकी जॉब और वेतन सुरक्षित है।
स्कोडा-फॉक्सवैगन ने कहा कि हम भारत में भी काम करना जारी रखेंगे। इन कंपनियों ने भारत में भारी निवेश करने का भी वादा किया है। साथ ही, कहा कि वह भारत में कई दूसरे प्रोडक्ट भी लॉन्च करने जा रहे हैं। स्कोडा-फॉक्सवैगन जो भारत में पूरे फॉक्सवैगन समूह को कवर करती है। कंपनी ने कहा कि वह अपने कर्मचारियों के बोनस का भुगतान भी करेगी। हालांकि कंपनी ने कहा कि कर्मचारियों को सालाना बोनस के लिए कारोबार सामान्य होने तक इंतजार करना पड़ सकता है।
स्कोडा फॉक्सवैगन इंडिया के एमडी गुरप्रताप बोपारई ने कहा कि कर्मचारियों की नौकरी और वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम अपने कर्मचारियों से पहले ही वादा कर सूचित कर चुके हैं कि न को हम नौकरी से निकालेंगे और न ही वेतन में किसी प्रकार की कटौती करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हम बीते साल के बोनस का भी भुगतान करेंगे।
रेनो इंडिया के एमडी वेंकटरम मामिलपल्ले ने कहा कि मौजूदा संकट को देखते हुए पिछले महीने से कर्मचारी बहुत घबराए हुए हैं, उन्हें लग रहा था कि ऐसी स्थिति में वेतन में कटौती और नौकरी छूट जाएगी। लेकिन हमने उन्हें पहले ही समझा दिया था कि उनकी नौकरी और सैलरी दोनों सुरक्षित हैं।
वहीं एमजी मोटर ने भी अपने डीलर्स और कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उनका वेतन और नौकरी सुरक्षित है। एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष राजीव चाबा ने कहा कि हमने एक प्रतिज्ञा ली है कि 2020 में हमारे लिए सबसे खराब स्थिति में भी एक भी नौकरी में कटौती नहीं होगी। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ऑटो सेक्टर में घबराहट का माहौल पैदा हो गया था, जब कुछ कंपनियों ने वेतन में कटौती की बात की थी। कंपनियों का कहनना था कि वे पहले ही मंदी की मांर से जूझ रही हैं और उनके पास कैश फ्लो भी खत्म हो गया है।
– एजेंसी