सेना ने कश्मीरी मांओं से कहा, भटके हुए बेटों को बुला लें वरना मारे जाएंगे
14 फ़रवरी को कश्मीर के पुलवामा ज़िले में सीआरपीएफ़ के एक काफ़िले पर चरमपंथी हमले में मारे गए 40 जवानों के बाद सेना ने पहली बार प्रेस कॉन्फ़्रेंस की.
इस प्रेस कॉन्फ़्रेसं में लेफ़्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने कहा कश्मीर की सभी माताओं से अपील करते हुए कहा कि वो अपने भटके बेटों को बुलाकर सरेंडर करवा लें, नहीं तो मारे जाएंगे.
ढिल्लन ने कहा, ”मैं कश्मीरी मांओं से अपील करता हूं वो अपने बच्चों को सरेंडर करवा दें नहीं तो मारे जाएंगे. बच्चों की परवरिश में मां की अहम भूमिका होती. वो अपने बेटों को समझाएं कि लौट आएं अन्यथा मारे जाएंगे. जो बंदूक उठाएगा वो मारा जाएगा.”
ढिल्लन ने कहा कि पुलवामा मुठभेड़ में सोमवार को तीन आंतकी मारे गए. उन्होंने कहा कि 100 घंटे के भीतर जैश के आतंकवादियों को मार गिराया गया.
इतना बड़ा हमला कैसे हुआ, इस पर ढिल्लन ने कहा, ”यह जांच का मामला है और जांच चल रही है. जांच में बहुत चीज़ें सामने आई हैं लेकिन हम साझा नहीं कर सकते. जो जवान हमारे शहीद हुए हैं इसलिए हुए क्योंकि हमे आम नागरिकों का भी ध्यान रखना होता है. हमारे कमांडर फ्रंट पर थे और उन्हें आम नागरिकों को भी बचाना था. मैं कश्मीरियों से अनुरोध करना चाहता हूं कि वो एनकाउंटर स्थल से अलग रहें.”
ढिल्लन ने कहा, ”14 फ़रवरी को जिस तरह का हमला हुआ वैसा पहले कभी नहीं हुआ. इस तरह के हमले सीरिया और अफ़ग़ानिस्तान में होते रहे हैं. जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तानी सेना का ही बच्चा है. पाकिस्तानी आर्मी जैश में 100 फ़ीसदी शामिल हैं.”
ढिल्लन ने कहा कि सोमवार को पुलवामा में सेना की कार्यवाही में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी मारे गए और इसमें सेना के चार जवान समेत जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक सिपाही की भी शहादत हुई थी. सेना का कहना है कि कश्मीर घाटी में जैश का पूरा नेतृत्व ख़त्म हो गया है.
सेना के कमांडर कंवलजीत सिंह ढिल्लन ने कहा, ”हम लोग जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व की तलाश कर रहे थे. हम लोग को यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि कश्मीर घाटी से जैश का पूरा नेतृत्व ख़त्म हो गया है. जैश का पूरा नेतृत्व पाकिस्तान से संचालित हो रहा था.”
सेना का कहना है कि सोमवार के ऑपरेशन में कामरान नाम का एक आतंकवादी मारा गया जो पुलवामा के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार का साथी था.
सेना का कहना है कि कामरान घाटी में युवाओं को भड़काने और ट्रेनिंग देने का काम करता था. सेना के अनुसार मारे गए में दूसरे आतंकवादी का नाम हिलाल है जो स्थानीय कश्मीरी युवा था और वो बम बनाता था. तीसरे आतंकी का नाम राशिद उर्फ़ गाज़ी था और वो पाकिस्तानी था. सेना का कहना है कि आतंकवादी कई हमले की योजना बना रहे थे. ले. ज. केजेएस ढिल्लन जीओसी चिनार कॉर्प्स ने कहा, ‘कल की घटना में जो जवान शहीद हुए या फिर जिन्हें चोट आई हम स्पष्ट कर दें कि सेना के ऑपरेशन में पूरी तरह से किसी स्थानीय को कोई चोट न पहुंचे इसका ख्याल रखा गया.’ वहीं सीरपीएफ के आईजी जुल्फिकार हसन ने कहा, ‘शहीद हुए जवानों के परिवार से कहना चाहूंगा कि आप अपने को अकेले न समझें. आपके लिए हर वक्त हम खड़े हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में पढ़ने वाले कश्मीरी बच्चों के लिए भी हम हेल्पलाइन चला रहे हैं, ताकि उन्हें अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े.’
-एजेंसियां