पंजशीर के शेरों से शिकस्त मिलने पर तालिबान ने शुरू किया शांति का जाप, इस्लामिक राज की दुहाई देकर समर्थन की अपील
काबुल। अमेरिकी सैनिकों की वापसी से पहले अफगानिस्तान पर कब्जा जमा चुके तालिबान के लिए पंजशीर अब भी अभेद्य किला बना हुआ है। पिछले कुछ दिनों में कई बार अफगानिस्तान के एकमात्र तालिबान मुक्त प्रांत में घुसने की कोशिश में नाकाम रहने के बाद चरमपंथी संगठन ने शांति-शांति का जाप शुरू कर दिया है। साथ ही पंजशीर के लोगों को इस्लामिक राज की दुहाई देते हुए समर्थन की अपील की है।
अफगानिस्तान के प्रमुख टीवी चैनल टोलो न्यूज़ ने बताया है कि तालिबानी नेता आमिर खान मुताकी ने पंजशीर के लोगों को एक रिकॉर्ड किया हुआ संदेश भेजकर इस्लामिक अमीरात में शामिल होने की अपील की है। मुताकी के मुताबिक ‘पंजशीर समस्या’ के समाधान के लिए बीतचीत हुई है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। तालिबान नेता ने कहा कि पंजशीर में कुछ लोग (रिजिस्टन्स फोर्स) लड़ना चाहते हैं। उन्होंने पंजशीर के लोगों से उन्हें शांतिपूर्ण समाधान के लिए समझाने को कहा। बंदूक के दम से देश पर कब्जा करने वाले संगठन के नेता ने कहा कि तालिबान अभी भी शांति के साथ मुद्दे को सुलझाना चाहता है।
एक तरफ चढ़ाई, दूसरी तरफ शांति की अपील
तालिबानी नेता ने यह अपील ऐसे समय पर की है जब बुधवार को भी तालिबान और रिजिस्टनस फोर्स के बीच में झड़प चल रही है। असवाका न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक पंजशीर प्रांत के जबल सराज, खवाक पंजशीर और बघलान प्रांत के अंदराब जिलों में तालिबान और रिजिस्टनस फोर्स के बीच गोलीबारी चल रही है। तालिबान ने मंगलवार की रात करीब 11 बजे हमला किया, जिसके बाद आज भी संघर्ष जारी है।
अहमद मसूद को मारने का इरादा
ताजिकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत मुहम्मद जोहिर अगबर ने कहा है कि तालिबान समूह पंजशीर में प्रतिरोध मोर्चे के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत नहीं करेगा और वह इसके नेता अहमद मसूद को मारने का इरादा रखता है।
अगबर ने कहा, ”तालिबान उनके साथ (पंजशीर में प्रतिरोध के नेता) कभी बातचीत नहीं करेगा। वे राजनेता नहीं हैं, बल्कि आतंकवादी हैं और तीन साल पहले से ही कई देशों की संगठनों की सूची में हैं।” उन्होंने कहा, ”वे ढीठ और आक्रामक हैं। उनका लक्ष्य पूरे अफगानिस्तान को अपने घुटनों पर लाना है। दोहा वार्ता में किसी भी शर्त से उनकी सहमति नहीं हैं। उनका लक्ष्य प्रतिरोध के नेताओं, खासकर अहमद मसूद को खत्म करना है।”
-एजेंसियां