वृंदावन कुंभ: पहला शाही स्नान संपन्न, हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा
वृंदावन। वृंदावन में आयोजित कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक के पहले शाही स्नान पर आज वृंदावन नगरी भक्ति रस में डूबी रही। पहले शाही स्नान की पेशवाई में संत गाजे-बाजों के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए शाही अंदाज में निकले तो उनके दर्शन के लिए सड़कों पर भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। तीर्थनगरी में जगह-जगह पुष्प वर्षा हुई तो कहीं आरती करते हुए संत-महंतों का अभिनंदन किया गया। यमुना में शाही स्नान के दौरान संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।

हरिद्वार से पहले वृंदावन में आयोजित हो रहे कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में शनिवार को माघ पूर्णिमा पर प्रथम शाही स्नान हुआ। स्नान से पहले देश के विभिन्न प्रांतों से आए संत-महंत शाही पेशवाई के लिए गाजेबाजे के साथ वृंदावन नगर भ्रमण को निकले।
सुबह करीब नौ बजे तीनों अनी अखाड़े और चतु:संप्रदाय की अगुवाई में शोभायात्रा निकाली गई।
तीनों अनी अखाड़ों के महंतों की अगुवाई में 18 अखाड़ों के महंत, जगद्गुरु निम्बार्काचार्य श्यामाशरणदेवाचार्य, जगद्गुरु वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभराय,चतुसम्प्रदाय महंत समेत महामंडलेश्वर और साधु-संत आशीर्वाद देते चल रहे थे।
शाही पेशवाई में अखाड़ों के पारंपरिक निशान और उनके पीछे पटेबाजी करते वैष्णव नागा साधुओं के जत्थे मुख्य आकर्षण बने। संतों के इस विशाल काफिले की भव्यता देखते ही बन रही थी।
पुष्पों से सुसज्जित बग्गियों में वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक जगद्गुरु बल्लभाचार्य, जगद्गुरु निम्बार्काचार्य, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य,जगद्गुरु माध्वगोड़ेश्वर, जगद्गुरु बालानन्द महाराज के चित्रपट पेशवाई का हिस्सा बने। शाही पेशवाई में ऊंट, घोड़ों की सवारी भी शामिल रही।
शाही पेशवाई में संत-महंत रथ और घोड़ा और ऊंट पर सवार होकर भी निकले। शाही पेशवाई में शामिल संत-महंतों का श्रीराधाकृष्ण की लीला स्थली पर भव्यता के साथ अभूतपूर्व स्वागत किया गया। छतों पर बैठे महिला-पुरुषों ने फूल बरसाए तो घरों के आगे खड़े भक्तों ने आरती की।
पहले शाही स्नान के लिए माघ पूर्णिमा को हजारों संतों ने यमुना में आस्था की डुबकी लगाई। शाही पेशवाई के साथ कुंभ पहुंचे संतों ने स्नान से पूर्व यमुना महारानी का पूजन किया। इसके बाद हजारों संतों ने यमुना में स्नान किया।
अखाड़ों के पारंपरिक निशानों को यमुना स्नान कराने के साथ ही संत यमुना में स्नान के लिए कूद पड़े। तीनों अनी के महंतों के बाद जगद्गुरु निम्बार्काचार्य श्यामाशरण देवाचार्य, जगद्गुरु बल्लभ राय महाराज,महामण्डलेश्वर द्वाराचार्य,श्री महंतों ने भी परंपरानुसार स्नान किया।
– एजेंसी