UPPCS परीक्षाः गलत पेपर बंटने के बाद दोनों परीक्षाएं निरस्त
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग UPPCS मेंस की परीक्षा में एक बार फिर लापरवाही सामने आई है। मंगलवार को इलाहाबाद के एक सेंटर पर सुबह की पाली में छात्रों को हिंदी पेपर की जगह निबंध का पेपर बांट दिया गया। अभ्यर्थियों के हंगामे और प्रदर्शन के बाद दोनों परीक्षाएं बाद में निरस्त कर दी गई हैं।
आयोग के सचिव ने परीक्षाएं रद्द करने की पुष्टि करते हुए कहा है कि गलत पेपर बांटने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। दरअसल, UPPCS पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है और परीक्षा शुरू होने से पहले इसे स्थगित करने की मांग भी उठी थी, लेकिन सरकार ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। मंगलवार को इलाहाबाद के राजकीय इंटर कॉलेज में हिंदी की बजाए निबंध का पेपर पहली पाली में बांट दिया गया, जिससे नाराज अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र के बाहर निकल आए और नारेबाजी करने लगे।
आयोग के दोनों पालियों की परीक्षाएं निरस्त करने के बावजूद अभ्यर्थियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। अभ्यर्थियों ने मांग की कि पूरी परीक्षा निरस्त की जाए। अभ्यर्थी इस मांग को लेकर सड़क पर उतर आए और लोकसेवा आयोग के पास जीटी रोड पर चक्का जाम कर दिया।
अभ्यर्थियों ने उठाए सवाल
अभ्यर्थियों ने UPPCS की परीक्षा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आयोग की तरफ से परीक्षा को लेकर लगातार लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने पहली पाली में हिंदी के पेपर की जगह निबंध का पेपर बांटे जाने का विरोध किया। हालांकि, मौके पर पहुंचे अधिकारी प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को समझाने का प्रयास करते रहे। आखिर में आयोग ने हिंदी और निबंध दोनों की परीक्षाएं निरस्त करने की घोषणा कर दी।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2017 मुख्य परीक्षा सोमवार 18 जून से शुरू हुई। इसमें करीब 90 फीसदी अभ्यर्थी ही सम्मिलित हुए। सोमवार से यह परीक्षा इलाहाबाद और लखनऊ के 28 परीक्षा केद्रों पर शुरू हुई और सात जुलाई तक चलेगी। पहले ही दिन 1383 अभ्यर्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचे थे।
प्रश्नपत्र तीन महीने पहले ही तैयार?
सोमवार को भी परीक्षा देकर आए अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र पर सवाल उठाए थे। अभ्यर्थियों का आरोप था कि उन लोगों ने समसामयिक प्रश्नों के उत्तर के लिए करंट घटनाक्रम पढ़ा था लेकिन प्रश्नपत्र में बीते तीन महीने में हुए घटनाक्रम का एक भी सवाल नहीं पूछा गया। अभ्यर्थियों ने आशंका जताई थी कि शायद प्रश्नपत्र तीन महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था।
-एजेंसी