ऐप्स पर बैन तो सिर्फ शुरूआत, चीन के होश उड़ाने का पूरा प्लान तैयार
नई दिल्ली। चीनी ऐप्स पर बैन लगाना तो महज एक शुरुआत है, भारत ने चीन के होश फाख्ता करने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है। आने वाले दिनों में कुछ ऐसे फैसले हो सकते हैं जो ड्रैगन को फूटी आंख नहीं सुहाएंगे। भारत ने सरकारी टेलिकॉम कंपनियों से चीनी इक्विपमेंट्स न यूज करने को कहा है। वहीं 5G को लकेर लेकर भी फैसला जल्द होने वाला है। भारत में 5G नेटवर्क के लिए चीनी कंपनियों के इक्विपमेंट्स यूज करने पर बैन लगाया जा सकता है। इसके अलावा कारोबार के लिहाज से चीनी उत्पादों के इम्पोर्ट को कम करने के लिए भी नियम तैयार किए जा रहे हैं। इस बारे में टॉप मिनिस्टर्स की उस मीटिंग में भी चर्चा हुई जिसमें 59 चीनी ऐप्स बंद करने पर फैसला लिया गया।
Huawei और अन्य चीनी कंपनियों पर बैन संभव
सीनियर मंत्रियों की बैठक में हुआवे और अन्य चीनी कंपनियों के 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लेने पर चर्चा हुई। स्पेक्ट्रम की नीलामी कोरोना वायरस के चलते कम से कम सालभर के लिए टल चुकी है। मीटिंग में अन्य बिडर्स जैसे- वोडाफोन आइडिया पर भी चर्चा हुई।
चीनी सेना से जुड़े होने का गहरा शक
Huawei को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में बैन कर रखा है। साथ ही अमेरिका इस कोशिश में भी है कि यूनाइटेड किंगडम और भारत जैसे सहयोगी भी इस चीनी कंपनी को बैन कर दें। Huawei के फाउंडर के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) से सांठगांठ होने का शक हमेशा से रहा है।
चीन से इम्पोर्ट पर लाइसेंसिंग की भी तैयारी
सरकार 10-12 उत्पादों के इम्पोर्ट को लाइसेंस करने का भी सोच रही है। इस बारे में कई महीने पहले ही काम शुरू किया गया था लेकिन हालिया तनाव के बाद इसमें तेजी आई है। शुरू में इसमें अगरबत्ती, टायर और पाम ऑयल जैसे प्रोडक्ट्स थे मगर अब इसमें एयरकंडीशनर और टेलीविजन जैसे महत्वपूर्ण उत्पाद शामिल किए गए हैं।
किन-किन चीजों का इम्पोर्ट कम करने की तैयारी?
सरकार का फोकस एयरकंडीशनर और इसके कम्पोनेंट्स का इम्पोर्ट कम करने की है ताकि डॉमिस्टिक प्रॉडक्शन को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा स्टील, एल्युमिनियम, फुटवियर, आलू, संतरे उन उत्पादों में से हैं जिनकी लोकल मैनुफैक्चरिंग पर इन्सेंटिव देने की तैयारी है।
कॉमर्स एंड इडस्ट्री मिनिस्ट्री ने तैयार की लिस्ट
सरकार की तरफ से उन उत्पादों की लिस्ट तैयार की गई है जिनके घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना है। इसमें लिथियम आयन बैटरीज, ऐंटीबायोटिक्स, पेट्रोकेमिकल्स, ऑटो और मोबाइल पार्ट्स, खिलौने, स्पोर्ट्स गुड्स, टीवी सेट्स, सोलर इक्विपमेंट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स इंटीग्रेटेड सर्किट्स शामिल हैं।
इन तरीकों से रेगुलेट होता है इम्पोर्ट
इम्पोर्ट को कंट्रोल करने के कई तरीके हैं। कभी कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी जाती है तो कभी टेक्निकल पेंच फंसा दिए जाते हैं ताकि कुछ खास उत्पाद ही इम्पोर्ट किए जा सकें। लाइसेंसिंग एक टेक्निकल तरीका है। इससे चुनिंदा देशों से इम्पोर्ट को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही तय पोर्ट्स से सामान की एंट्री पर माल की निगरानी में मदद मिलती है।
-एजेंसियां