Tobacco नियंत्रण को लेकर जिला प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
अभियान को सफल बनाने में मदद की अपील, युवाओं को Tobacco से बचाना बड़ी चुनौती
एटा | मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित सभागार में मंगलवार को Tobacco नियंत्रण कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई| इस दौरान सिगरेट और अन्य Tobacco ऊत्पाद अधिनियम,2003 (सीओटीपीए- कोटपा) को लेकर प्रशिक्षित किया गया| तम्बाकू मुक्त जिला अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाने में उनसे सहयोग की अपील की गयी| कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय अग्रवाल, जिला तम्बाकू नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. आरएन गुप्ता, डीपीएम आरिफ, डीसीपीएम डॉ. ज़ुबैर, विश्व स्वास्थ्य संगठन, टीएसयू आदि से अधिकारी उपस्थित रहे |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय अग्रवाल ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि तंबाकू उत्पादों के प्रति युवाओं का झुकाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जो चिंता का विषय है। युवाओं को तंबाकू से बचाना बड़ी चुनौती है। इसके सेवन पर पैसा बर्बाद करने के बजाय पोषक तत्वों एवं शिक्षा पर व्यय किया जाना चाहिये। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को अधिनियम के तहत सजग रहने को कहा।
इस अवसर पर जिला तम्बाकू नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. आरएन गुप्ता ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के निकट कम आयु के बच्चों को तंबाकू उत्पादन बेचने वालों तथा सार्वजनिक जगहों पर इसका सेवन करने वालों के विरुद्ध पुलिस अधिकारियों को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। तंबाकू के प्रयोग पर लगाम लगाना चाहिये। युवा पीढ़ी को सेवन करने से रोकना चाहिये।
कार्यशाला का मुख्य ऊद्देश्य बताते हुये डॉ. आरएन गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मास मीडिया अभियान के तहत तंबाकू के ऊपयोग से स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान के प्रति लोगों, शिक्षकों और छात्रों में जागरूकता बढ़ायें| सभी सार्वजनिक जगहों को धुआँ मुक्त करें| कोटपा की धारा 6(A) के तहत सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री 18 साल से कम ऊम्र के व्यक्ति को न करें | तथा कोटपा की धारा 6(B) के तहत शिक्षा संस्थाओं के 100 गज के घेरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री न हो| साथ ही सुनिश्चित करें कि प्रत्येक जगह (बोर्ड, गुमटी आदि ) तंबाकू के विज्ञापन न हो| तम्बाकू उत्पादों की बिक्री करने वाली दुकानों के लिए लाइसेन्स अनिवार्य हो|
डॉ. आर.एन गुप्ता ने कहा कि ‘तंबाकू से आजादी’ अभियान की सफलता के लिए गंभीरता पूर्वक जन सहयोग प्राप्त कर इसे चलाया जाए। इसके अंतर्गत तंबाकू सेवन से होने वाले रोगों एवं सीओटीपीए अधिनियम-2003 के प्रति जन जागरूकता के लिए रैली, चित्रकला प्रतियोगिता सहित अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
ऊंहोने बताया कि तम्बाकू नियंत्रण हमेशा से जनसमुदाय के स्वास्थ्य का मुद्दा रहा है| भारत सरकार ने मई 2003 में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 लागू किया था | फरवरी 2004 में तम्बाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के फ्रेमवर्क कोन्वेंशन की भी पुष्टि की गयी थी|
डॉ. आर.एन गुप्ता ने कहा कि ‘यलो लाइन कैम्पेन’ के अंतर्गत चरणबद्ध रूप से समस्त शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सालयों एवं शासकीय कार्यालयों को तंबाकू मुक्त बनाए जाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। तथा जो भी तंबाकू मुक्त संस्थान हो जाता है उसके बाहर यलो मार्क लगा दिया जाता है
उन्होने अपील की है कि सभी सरकारी कार्यालय/संस्थान, शैक्षणिक संस्थान एवं चिकित्सालयों को तंबाकू मुक्त घोषित करते हुए प्रदेश में खुली सिगरेट पर लगे प्रतिबंध का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित कराने में अपना अपना सहयोग प्रदान करें|