स्वतंत्र न्यायाधिकरण के गठन की याचिका पर केंद्र और प्रेस काउंसिल को नोटिस
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया कंपनियों के खिलाफ शिकायतों के निपटारे के लिए एक स्वतंत्र न्यायाधिकरण (ट्राइब्यूनल) के गठन पर केंद्र सरकार, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ये नोटिस सोमवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए जारी किया। जनहित याचिका में तर्क दिया गया है कि सेल्फ रेगुलेशन से मामले का कोई हल नहीं होता है और इसलिए एक स्वतंत्र ट्राइब्यूनल की जरूरत है।
मामले में एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने नोटिस जारी कर दिया।
नीलेश नवलखा और नितिन मेमन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार प्रोग्राम कोड के उल्लंघन से निपटने में सक्षम नहीं है और इस तरह के उल्लंघन की जांच करने का अधिकार एक स्वतंत्र संस्था को दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह इस मामले में उचित दिशा-निर्देश जारी करे जिससे कि मीडिया हाउस या ब्रॉडकास्टर या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग कर सके।
याचिका में कहा गया है कि “याचिका एक स्वतंत्र, नियामक ट्राइब्यूनल/न्यायिक-निकाय की स्थापना की मांग करती है, जिससे कि दर्शकों/नागरिकों द्वारा दायर मीडिया-व्यवसाइयों के खिलाफ शिकायत याचिकाओं पर तेजी से सुनवाई हो सके।”
-एजेंसियां