2018 का मैन बुकर प्राइज पोलिश लेखिका ओल्गा टोकर्कज़ुक को
पोलिश उपन्यासकार ओल्गा टोकर्कज़ुक ने प्रतिष्ठित मैन बुकर प्राइज 2018 का खिताब जीता है। यह सम्मान ओल्गा को उनके उपन्यास ‘फ्लाइट्स’ के लिए दिया या है। यह उपन्यास समय, अंतरिक्ष और मानव शरीर रचना पर आधारित है। ओल्गा की उपन्यास का अंग्रेजी में अनुवाद जैनिफर क्रॉफ्ट ने किया है। पोलैंड में जन्मीं 56 वर्षीय ओल्गा 50 वर्ष के इतिहास में मैन बुकर प्राइज पाने वाली पोलैंड की पहली लेखिका हैं।
बुकर प्राइज की दौड़ में ‘फ्लाइट्स’ ने पांच अन्य रचनाओं को कड़ी टक्कर अपने लिए जगह बनायी। ‘फ्लाइट्स’ का कड़ा मुकाबला इराकी लेखक अहमद सादावी की रचना ‘फ्रेंकइस्टिन इन बगदाद’ और दक्षिण कोरिया के लेखक हैन कैंग्स की किताब ‘द व्हाइट बुक’ से था।
टोकारजुक के उपन्यास में 17वीं शताब्दी की रचनात्मक कहानी को आधुनिक यात्रा की कहानियों से जोड़ा गया है। जज ने माना कि ‘प्लाइट्स’ एक मजेदार और रोचक उपन्यास है जिसमें मृत्यु की निश्चितता पर बात की गयी है।
ओल्गा टोकारजुक पोलैंड की प्रसिद्ध रचनाकार हैं। रुढ़िवादी उनकी आलोचना करते हैं और कई बार उन्हें हत्या की धमकी भी मिल चुकी है। ओल्गा ने जिस तरह से यहूदियों के विरोध में लिखा उसके कारण उनकी बहुत निंदा होती है। बुकर पुरस्कार में 60,000 पौंड की राशि दी जाती है जो लेखक और अनुवादक के बीच बांटी जायेगी।
पिछले साल लघु कथाओं के प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक जार्ज सॉन्डर्स को ‘लिंकन इन द बाडरे’ के लिए फिक्शन श्रेणी में वर्ष 2017 के मैन बुकर पुरस्कार से नवाजा गया था।
इस उपन्यास में अब्राहम लिंकन के उस दर्द को बयान किया गया है जो उन्हें उनके युवा पुत्र के निधन पर हुआ था।
मैन बुकर प्राइज देने की शुरुआत साल 1969 में हुई थी। इस पुरस्कार को अब तक चार भारतीय लेखक अरविंद अडिगा, किरण देसाई, अरुंधति रॉय और सलमान रुश्दी जीत चुके हैं।
-एजेंसी