ममता बोलीं, 2019 का लोकसभा चुनाव हिस्ट्री नहीं बल्कि मिस्ट्री है
कोलकाता। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद लोगों के दिलों को जीतने में लगीं तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहीद दिवस के बहाने आज कोलकाता में शक्ति प्रदर्शन किया। ममता बनर्जी ने अपने पूरे भाषण में ईवीएम, नोटबंदी, हिंदू-मुसलमान, बांग्ला के बहाने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। बेहद आक्रामक नजर आ रही ममता ने बीजेपी को ‘डकैतों की पार्टी’ बताया।
ममता बनर्जी ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव इतिहास नहीं बल्कि रहस्य है। ममता ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में ईवीएम, सीआरपीएफ और चुनाव का इस्तेमाल उन्होंने (बीजेपी) चुनाव जीता। उन्हें केवल 18 सीटें मिली हैं। कुछ सीटें पाकर वे हमारी पार्टी के कार्यालयों पर कब्जा कर रहे हैं और हमारे लोगों को पीट रहे हैं। मैं चुनाव आयोग से अनुरोध करती हूं कि पंचायत और नगर निगम के चुनाव बैलट पेपर से कराए जाएं।’
चुनाव की सरकारी फंडिंग की भी मांग
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने और चुनाव के दौरान कालेधन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए देश में चुनाव सुधार जरूरी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने चुनाव की सरकारी फंडिंग की भी मांग की। उन्होंने कहा, ‘यह मत भूलिए कि पहले इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका में भी ईवीएम का इस्तेमाल किया गया। लेकिन अब उन्होंने उसका इस्तेमाल करना बंद कर दिया है… तो ऐसे में हम क्यों मतपत्र वापस नहीं ला सकते?’
ममता बनर्जी ने कहा कि 1995 से मैं चुनाव सुधार की मांग करती आ रही हूं। यदि हम चुनाव में कालेधन का इस्तेमाल रोकना चाहते हैं, लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं और राजनीतिक दलों में पारदर्शिता कायम करना चाहते हैं तो चुनाव सुधार करने ही होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव की सरकारी फंडिंग जरूरी है क्योंकि राजनीतिक दल चुनाव के दौरान कालेधन का इस्तेमाल करते हैं।
टीएमसी नेताओं ने बीजेपी पर बोला तीखा हमला
टीएमसी का अनुमान है कि कोलकाता में हो रही इस रैली में 3 से 7 लाख लोग हिस्सा ले रहे हैं। रैली की सुरक्षा के लिए 5 हजार पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। 21 जुलाई, 1993 को वामदलों के शासन के दौरान कोलकाता के मेयोरोड पर पुलिस गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित इस रैली के निशाने पर इस बार बीजेपी रही। ममता और टीएमसी के नेताओं ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला।
वर्ष 2011 में सत्ता संभालने के बाद बीजेपी ममता बनर्जी की सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी बनकर उभरी है। टीएससी मई 2019 से ही इस नई चुनौती का तोड़ ढूंढने में लगी है। बता दें कि मई में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 40.3 प्रतिशत वोट मिला था जो टीएमसी के 43.2 प्रतिशत से थोड़ा ही कम है। माना जा रहा है कि ममता बनर्जी इस रैली के माध्यम से अपने काडर को यह दिखाना चाह रही हैं कि उनके अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी से निपटने की ताकत है।
बीजेपी ने आज रेल रोको अभियान बुलाया
लोकसभा चुनाव में उत्तर बंगाल में बीजेपी ने सभी सात सीटें जीती थीं। कांग्रेस को मालदा साउथ सीट कांग्रेस को मिली थी जबकि टीएमसी का खाता भी नहीं खुला था। बीजेपी ने बांकुड़ा, पुरुलिया और मिदनापुर में भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली। उधर, ममता की रैली को देखते हुए बीजेपी ने भी कमर कस ली है। बीजेपी ने आज रेल रोको अभियान बुलाया है। बीजेपी के अभियान को देखते हुए टीएमसी के नेता अपने समर्थकों को बसों में भरकर लाए हैं।
टीएमसी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेता बसों का भी रास्ता रोक रहे हैं।
इस बीच पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को मिदनापुर में कहा, ‘टीएमसी ने पहले ही हार मान ली है। क्या कोई कोलकाता में रविवार को आयोजित सर्कस में जाएगा? टीएमसी ने जनता से कट मनी लिया और एक अन्य दल के शहीदों को भी चोरी कर लिया। जो लोग टीएमसी की रैली में जा रहे हैं, उनसे कहिए कि कट मनी लौटाएं और फिर वहां पर जाएं।’
कम ट्रेनें चला रही है रेलवे: ममता
घोष ने कांग्रेस का नाम नहीं लिया लेकिन संकेत दिया कि पुलिस ने यूथ कांग्रेस की रैली में वर्ष 1993 में गोली चलाया था जबकि टीएमसी का जन्म 5 पांच साल बाद 1998 में हुआ था। रैली से पहले ममता बनर्जी ने कहा, ’21 जुलाई को संडे है। हमें अपने आप भीड़ नहीं मिलने जा रही है, हमारे साथ ऐसा पहले हो चुका है। सप्ताह के अंत में ट्रेन सेवाएं भी कम हो जाती हैं। बीजेपी ने रेलवे से कहा है कि वह ट्रेन सेवाओं को कम से कम रखे। वे आमतौर पर छुट्टियों पर जिस तरह से ट्रेन चलाते हैं, वैसी ट्रेनें नहीं चला रहे हैं।’
-एजेंसियां