वृंदावन में चंदन से बने रथ पर विराजमान होकर निकले रंगनाथ
वृंदावन (मथुरा)। मथुरा के वृंदावन में श्री रंगनाथ मंदिर के 10 दिवसीय ब्रह्मोत्सव के सातवें दिन ऐतिहासिक रथ मेले का आयोजन किया गया। यह रथ मेला रविवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ। भगवान रंगनाथ चंदन की लकड़ी से बने 60 फीट ऊंचे रथ पर विराजमान होकर मंदिर से निकले। ठाकुर जी के दर्शन करने को हजारों भक्त उमड़े।
दक्षिण शैली के सबसे विशाल देवालय श्री रंगनाथ मंदिर के ऐतिहासिक रथ मेले में रविवार सुबह हजारों भक्त उमड़ पड़े। ठाकुर रंगनाथ 60 फीट ऊंचे रथ पर विराजमान होकर निकले। रथ यात्रा तीर्थनगरी के प्रमुख मार्गों से गुजरी। इस दौरान श्रद्धालुओं में भगवान रंगनाथ का रथ खींचने की होड़ मची रही।
रथ मेले से पहले शनिवार को होली और फगुआ का आयोजन हुआ। इसमें ठाकुर गोदा रंगमन्नार अपने भक्तों के संग होली खेलने के लिए निकले। ठाकुरजी श्वेत वस्त्र धारण कर कांच के विमान पर विराजमान हुए। इस दौरान मंदिर परिसर रंगनाथ भगवान की जय जयकार से गूंज उठा।
श्री रंगनाथ मंदिर की मुख्य अधिशासी अधिकारी अनघा श्रीनिवासन ने बताया कि यह उत्सव ब्रह्मा का बनाया उत्सव है। इसीलिए इसे ब्रह्मोत्सव कहते हैं। इस उत्सव में भगवान भक्तों के बीच जाकर दर्शन देते हैं। इस बार ब्रह्मोत्सव (रथ का मेला) 29 मार्च से शुरू हुआ, जो 10 दिन तक चलेगा।
श्री रंगनाथ मंदिर के ब्रह्मोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं में कोरोना का डर दिखाई नहीं दे रहा है। रथ मेले में कई श्रद्धालु बिना के मास्क के दिखे। उचित दूरी का पालन भी नहीं किया गया। यह हालत तब है जब एक दिन पहले मथुरा में 51 मरीज मिले। इनमें सबसे ज्यादा 11 मरीज वृंदावन में मिले।
-एजेंसियां