कांता प्रसाद शर्मा का Research Paper SCI में प्रकाशित
मथुरा। संस्कृति यूनिवर्सिटी में शिक्षा के साथ-साथ Research पर भी प्रमुखता से ध्यान दिया जाता है। यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को टेक्निकल शिक्षा देने के साथ ही उन्हें Research के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। हाल ही कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रो. कांता प्रसाद शर्मा ने जीपीएस द्वारा रोड नेविगेशन के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं पर शोध किया है। इस शोध-पत्र की न केवल चहुंओर सराहना हो रही है बल्कि इसे स्प्रिंगर-यूनाइटेड स्टेट के प्रकाशक ने जाने-माने क्लस्टर कम्प्यूटिंग के जर्नल में प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इससे पहले भी संस्कृति यूनिवर्सिटी के प्राध्यापकों के दर्जनों शोध-पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
अपने शोध-पत्र पर असिस्टेंट प्रो. कांता प्रसाद शर्मा का कहना है कि वह जब भी किसी अपरिचित शहर और मार्ग में जाते थे तो उन्हें रोड नेविगेशन से उचित दिशा की सही जानकारी मिलने में असुविधा होती थी, इस समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपना शोध कार्य प्रारम्भ किया। इस शोध के लिए इन्होंने इसरो लैब की सेवाएं भी लीं। श्री शर्मा का कहना है कि वहां जाकर मैंने जीपीएस के सिगनल और उनकी अशुद्धियों पर विचार मंथन किया, साथ ही गूगल मैप से भूवन मैप पर अपने कार्य का परीक्षण किया जिसके परिणाम ज्यादा बेहतर नजर आए। मैंने इसी आधार पर अपने शोध कार्य को पूरा किया है।
कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने असिस्टेंट प्रो. कांता प्रसाद शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि यह यूनिवर्सिटी के लिए खुशी की बात है। नए शोध से शिक्षा के क्षेत्र में जहां नई तकनीक ईजाद होती है, वहीं इससे छात्र-छात्राओं को वैश्विक स्तर की उच्च शिक्षा प्राप्त करने में भी आसानी होती है। कुलाधिपति श्री गुप्ता ने कहा कि शोध के माध्यम से ही नई विषय-वस्तु की खोज के साथ ही विषय को सरल बनाने के तरीके ईजाद किए जा सकते। शोध से ही शिक्षा को सरल व बोधगम्य बनाया जा सकता है।
उपकुलाधिपति राजेश गुप्ता ने कहा कि उच्च शिक्षा में शोध के माध्यम से ही किसी भी विषय की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है, इससे छात्र-छात्राओं के लिए नई खोज के रास्ते खुलते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार होता है। श्री गुप्ता ने असिस्टेंट प्रो. कांता प्रसाद शर्मा को बधाई दी और कहा कि वह कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग में शोध कार्य को और प्रमुखता दें ताकि इसका लाभ आने वाले समय में हर छात्र-छात्रा को मिल सके।