संरक्षित हाथी टीले पर अतिक्रमणकारियों का कब्ज़ा
मथुरा। ग्रीन अर्थ फाउण्डेशन की ओर से केन्द्रीय संरक्षित स्मारक विभाग की सूची में अंकित हाथी टीला के संरक्षण के सन्दर्भ में एक पत्र पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल को प्रेषित किया गया है।
पत्र में ग्रीन अर्थ फाउंडेशन के चौ. प्रेम सिंह ने कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की सूची में क्रमांक 234 ‘‘हाथी टीला’’ नामक स्मारक अंकित है, जोकि पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक है, परन्तु विभाग की उदासीनता के कारण अवैध अतिक्रमण व अवैध खनन किया जा रहा है।
जैसा कि विदित है कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली जो कि भगवान की क्रीड़ास्थली भी रही है। यहाँ अनेकों स्थानों पर योगेश्वर द्वारा लीलाऐं रचायी गयी हैं, जिसमें कुबलिया पीड़ हाथी मर्दन की लीला भी उनकी लीलाओं में से एक प्रमुख लीला है। ऐसी मान्यता है कि ‘हाथी टीला’ नामक स्थान पर हाथीशाला थी, इसी स्थान पर कुबलिया पीड़ हाथी का निवास था।
पिछले कुछ समय से कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा ऐतिहासिक महत्व के इस स्थल पर अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है। पूर्व में भी कई बार प्रयास करने पर भी अधिकारियों की मूक सहमति के कारण दिन प्रतिदिन टीले पर अवैध खनन किया जा रहा है। साथ ही साथ चोरी छिपे मृत शरीरों को दफनाया भी जा रहा है और अवैध रुप से मुर्दे दफनाये जाने के कारण हाथी टीला अपनी ऐतिहासिकता खो रहा है।
फाउंडेशन ने मंत्री प्रह्लाद पटेल से मांग की है कि मथुरा-उत्तर प्रदेश स्थित ‘हाथी टीला’ स्थल के संरक्षण हेतु उसकी पक्की बाउण्ड्रीबाल करायी जाए व उसे सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि उक्त ऐतिहासिक स्थल की गरिमा बनी रहे और उक्त स्थल सुरक्षित रहे और सौहार्द्र का वातावरण बना रहे।
फाउंडेशन ने उक्त पत्र की प्रतिलिपि सांसद हेमा मालिनी, विधायक श्रीकांत शर्मा , जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली को भी भेजी है।
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