स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने बताया, AC ट्रेनों का संचालन क्यों ?
नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में AC ट्रेन चलाए जाने के सवाल पर अधिकारियों का साफ रुख सामने नहीं आया। अधिकारियों ने सिर्फ इतना ही बताया कि AC के फ्लो को देखे जाने की जरूरत होती है। ज्यादा दिक्कत होने पर इसे बंद भी किया जा सकता है।
प्रेस कांफ्रेंस में सवाल पूछा गया था, सेंट्रलाइज AC में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है, ऐसे में AC ट्रेनें चलाई जा रही हैं। क्या इससे इंकार किया जा सकता है कि यात्रा के दौरान संक्रमण का खतरा नहीं होगा?
इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सेंट्रलाइज एसी का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन उसके फ्लो को मॉनिटर करने की जरूरत होती है। इसका ध्यान रखते हुए उसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
साथ ही कहा कि इससे जुड़ी कोई भी समस्या सामने आती है तो सेंट्रलाइज AC के इस्तेमाल के बिना भी रेल सफर किया जा सकता है।
यानी अधिकारियों के पास इस सवाल का सीधा-सीधा जवाब नहीं था कि जब संक्रमण का खतरा बना हुआ है तो AC ट्रेनें क्यों चलाई जा रही हैं। बता दें कि कोरोना वायरस का संक्रमण हवा द्वारा भी होता है। ऐसे में अगर ट्रेन के किसी कोच में कोई संक्रमित व्यक्ति सफर करता है तो ये बाकी लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसा होने पर स्वस्थ व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित हो सकता है।
आरोग्य सेतु ऐप से निजता का हनन नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय व गृह मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस में आज कोरोना वायरस को लेकर नई जानकारियां दीं। इस दौरान गृह मंत्रालय ने कहा कि आज ट्रेन से आवाजाही को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 1559 मरीज ठीक हुए हैं और रिकवरी रेट 31 फीसदी पहुंच चुका है। प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद एम्पावर्ड ग्रुप-9 के चेयरमैन अजय साहनी ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप से निजता का हनन नहीं होगा, अधिकतम 60 दिन तक डेटा रखा जाएगा। साथ ही कहा कि आईसीएमआर ने कोविड 19 जांच के लिए एलिसा टेस्ट विकसित किया है।
-एजेंसियां