Guru Upadhyay को ज्ञानदीप बाल चाणक्य सम्मान
मथुरा। गोवर्धन रोड स्थित ज्ञानदीप शिक्षा भारती द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण मात्र 3 वर्षीय मेधावी बालक Guru Upadhyay द्वारा किया गया।
ध्वजारोहण के पश्चात ज्ञानदीप सभागार में एक ऐतिहासिक अविस्मरणीय कार्यक्रम उस समय जुड़ गया जब कि इस विलक्षण मेधावी बालक Guru Upadhyay को ज्ञानदीप के संस्थापक सचिव पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने पगड़ी पहना कर तथा उत्तरीय उढ़ाकर ज्ञानदीप बाल चाणक्य सम्मान प्रदान किया।
सभागार में निरन्तर बजती जा रही तालियों के मध्य भाटिया ने बताया कि गुरु उपाध्याय को ‘एग्मेजिंग मेमोरी किड ऑफ इंडिया, ग्लोबल रैकर्डस एन्ड रिसर्च फाउन्डेशन तथा एशिया बुक ऑफ रैकर्डस द्वारा विलक्षण प्रतिभा हेतु सम्मानित किया गया है।
ज्ञानदीप के छात्र-छात्राओं ने गुरु उपाध्याय से अंग्रेजी में विभिन्न देशों का राजधानी, राष्ट्रध्वज इतिहास आदि सम्बन्धी प्रश्न पूछे जिनका उसने अंग्रेजी में सटीक उत्तर दिया तो उसकी चमत्कारिक प्रतिभा से सभागार गूँज उठा।
गुरु उपाध्याय के पिता अरविन्द उपाध्याय ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ज्ञानदीप ने उनके सम्पूर्ण परिवार को गौरवान्वित किया है।
ज्ञानदीप प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष रमेश कुमार शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि बाल प्रतिभाओं को सम्मानित करने की ज्ञानदीप की परम्परा रही है। पूर्व में रोहतांग दर्रे में कार चलाने वाली 4 वर्षीया जिप्सा मक्कर तथा 5 वर्षीया मेराथन धाविका पायल लड्ढा को सम्मानित किया गया था।
आयोजन में बाल कलाकारों ने गणेश वन्दना, राष्ट्रभक्तिपरक समूह गान, कृष्ण लीला नृत्य नाटिका आदि कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
उन्हीं की जान की कीमत पर हिन्दुस्तान जिन्दा है
समारोह अध्यक्ष सुप्रसिद्ध कवि-साहित्यकार डा. रमाशंकर पांडे ने कहा कि ज्ञानदीप मात्र विद्यालय नहीं संस्कारशाला है जहाँ विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाया जा रहा है।
उन्होंने ओजस्वी वाणी में ‘लगाकर जान की बाजी खड़े हैं जो सरहदों पर, उन्हीं की जान की कीमत पर हिन्दुस्तान जिन्दा है‘ गीत सुनाकर सभागार में हुंकार भर दी।
अन्त में ज्ञानदीप की प्राचार्या श्रीमती रजनी नौटियाल, शैक्षिक निदेशक प्रीति भाटिया तथा प्रशासनिक अधिकारी आशीष भाटिया ने संयुक्त रूप से धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में मेधावी बालिका चेतन्या पांडे, कवि मंगल पांडे, डा0 अजय शर्मा, डा0 राजेन्द्र कृष्ण अग्रवाल, आरोही अग्रवाल, हरि बाबू कौशिक तथा अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
-Legend News