अमृतसर में निरंकारी भवन पर ग्रेनेड हमला, तीन लोगों के मरने की पुष्टि
अमृतसर के पास एक निरंकारी भवन पर आज हुए एक हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि पंद्रह घायल हैं. अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर ने इसकी पुष्टि की है. अमृतसर सीमा रेंज के आईजी सुरिंदर पाल परमार ने बताया कि ये एक ग्रेनेड हमला हो सकता है.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक इस हमले में दो युवक शामिल बताए जाते हैं.
चश्मदीदों ने बताया है कि दो युवक निरंकारी भवन के पास पहुंचे. उन्होंने वहां गेट पर खड़ी एक लड़की को पिस्टल दिखाई और विस्फोटक सामग्री फेंक दी. बताया जा रहा है कि दोनों अज्ञात हमलावर बाइक पर सवार थे.
निरंकारी भवन में हर रविवार सत्संग होता है, धमाके के वक्त भी सत्संग चल रहा था, जिस वजह से मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
एक चश्मदीद के अनुसार, “दोनों ही हमलावर पंजाबी बोल रहे थे. उन्होंने मुंह और सर पर कपड़ा बांधा हुआ था. उन्होंने हमला करने के दौरान किसी तरह का कोई नारा नहीं लगाया.” पुलिस ने कहा है कि वे इस धमाके की जांच कर रहे हैं और फ़िलहाल इसे चरमपंथी हमले से जोड़ना जल्दबाज़ी होगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पंजाब में पहले से ही अलर्ट घोषित किया गया था क्योंकि ऐसी खबरें थीं कि चरमपंथी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 5 या 6 लोग पंजाब के फ़िरोज़पुर इलाके़ में हो सकते हैं.
वहीं अमृतसर के ज़िलाधिकारी कुलदीप सिंह रंधावा ने कहा, “अभी ये नहीं कहा जा सकता है कि कौन इसके पीछे है. अभी तक की जांच से सीमापार से किसी का हाथ होने की बात सामने नहीं आई है. विस्तृत जांच के बाद ही कुछ ठोस आधार पर कहा जा सकता है.”
पहले से मिले इंटेलिजेंस इनपुट के सवाल पर रंधावा ने कहा, “जो इंटेलिजेंस इनपुट मिले थे वो इससे अलग तरह के थे.”
अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्तोहा ने कहा कि यह हमला दिखाता है कि राज्य में हाई अलर्ट होने के बावजूद सरकार गंभीर नहीं है और इस तरह के धमाके हो रहे हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, “अमतृसर के निरंकारी भवन में धमाके की में कड़ी निंदा करता हूं. गृह सचिव, पंजाब पुलिस के डीजीपी, डीजीपी इंटेलिजेंस और डीजीपी क़ानून व्यवस्था को तुरंत मौक़े पर जाने के लिए कहा गया है.”
अमरिंदर सिंह ने मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान भी किया है.
कौन हैं निरंकारी
संत निरंकारी मिशन एक आध्यात्मिक संस्था है जिसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है. संत निरंकारी मिशन ख़ुद को न तो कोई नया धर्म मानते हैं और न ही किसी मौजूदा धर्म का हिस्सा, बल्कि वे ख़ुद को मानव कल्याण के लिए समर्पित एक आध्यात्मिक आंदोलन के तौर पर देखते हैं.
इस मिशन की नींव निरंकारी आंदोलन से पड़ी जिसकी शुरुआत बाबा दयाल सिंह ने की थी, लेकिन वे बहुत लंबे समय तक इससे जुड़े नहीं रहे.
1929 में इसकी स्थापना बाबा दयाल सिंह ने की. रुढ़िवादी सिख समुदायों ने इसका भरपूर विरोध किया.
-BBC