सरकार और कोर्ट को ऐसे Order नहीं देने चाहिए, जिनका पालन न हो सके: अमित शाह
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के Order पर भी सवाल उठाए शाह ने
तिरुवनंतपुरम। केरल के कन्नूर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे तो इस मौके पर उन्होंने न सिर्फ राज्य की लेफ्ट सरकार को घेरा बल्कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के Order पर भी सवाल उठाए। शाह ने कहा कि सरकार और कोर्ट को ऐसे फैसले नहीं सुनाने चाहिए, जिनका पालन न करवाया जा सके और जो आस्था से जुड़े हों। शाह ने कहा, ‘कन्नूर में 120 बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए। जिस विचारधारा के लिए इन बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बलिदान दिया है, मैं उनके परिवार को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम उसे कभी पराजित नहीं होने देंगे।’
LIVE : Shri @AmitShah at the inauguration of new BJP district office in Kannur, Kerala. #BJP4Sabarimala https://t.co/UXq7qU4wne
— BJP (@BJP4India) October 27, 2018
बीजेपी कार्यालय का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने कहा कि कन्नूर हमारे लिए तीर्थस्थल जैसा है। उन्होंने कहा, ‘केरल सरकार दमन का कुचक्र चला रही है। 26 अक्टूर से अब तक 2000 से ज्यादा बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं को जेल में डालने का काम किया गया है। मैं उनको कहना चाहता हूं कि डैमेज ऑफ कंट्रोल के तहत जिन्हें जेल में डाला गया है, उन्होंने किसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है?’
‘अयप्पा भक्तों के साथ खड़ी है बीजेपी’
राज्य सरकार को घेरते हुए शाह ने कहा, ‘कम्युनिस्ट सरकार कान खोलकर सुन ले कि जिस तरह अयप्पा के भक्तों पर दमन का कुचक्र चलाया जा रहा है, बीजेपी अयप्पा भक्तों के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री विजयन को चेतावनी देने आया हूं कि अगर दमन की कोशिश को रोका नहीं गया तो बीजेपी कार्यकर्ता की ईंट से ईंट बजा देगा। केरल के अंदर मंदिरों की परंपरा को खत्म करने की कोशिश कम्युनिस्ट सरकार कर रही है।’
‘पालन हो सके, ऐसे ही आदेश दिए जाएं’
सबरीमाला विवाद पर अमित शाह ने कहा, ‘सरकार और कोर्ट को ऐसे Order देने चाहिए, जिनका पालन हो सके। उन्हें आदेश ऐसे नहीं देने चाहिए जो लोगों की आस्था का सम्मान न कर सकें। आर्टिकल 14 की दुहाई दी जाती है और 25 व 26 के तहत धर्म के अनुसार रहने का मुझे अधिकार है।’ उन्होंने कहा, ‘एक मौलिक अधिकार दूसरे को नुकसान कैसे पहुंचा सकता है। हिंदू धर्म ने कभी परंपराओं में महिलाओं के साथ अन्याय नहीं किया, बल्कि उनको देवी मानकर पूजा है।’
‘परंपराएं तोड़ने का किसी को हक नहीं’
शाह ने कहा, ‘कोर्ट के जजमेंट के नाम पर जो परंपराओं को तोड़ना चाहते हैं, उनको बता दूं कि देशभर के कई मंदिर ऐसे हैं जो अलग-अलग परंपराओं से चलते हैं। भगवान अयप्पा के कई मंदिर देश में बने हैं, वहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित नहीं है। इस मंदिर में अयप्पा की ब्रह्मचारी मूर्ति लगी है, इसलिए ऐसा है। देश के कई मंदिर ऐसे भी हैं जहां सिर्फ महिलाएं प्रवेश कर सकती हैं, पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।’ शाह ने कहा कि सब इसी फैसले के पीछे पड़े हैं।
-एजेंसियां