अखिलेश सहित डेढ़ दर्जन नेताओं की Security में कटौती, निशाने पर 32 और
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिली जेड प्लस श्रेणी की ‘ब्लैक कैट’ Security केंद्र सरकार वापस लेगी।
गृह मंत्रालय द्वारा आज जारी की गई नई सूची में अखिलेश के अलावा जिन अन्य नेताओं के Security कवर को हटाया गया है उनमें सत्तापक्ष व विपक्ष के कई बड़े नाम शामिल हैं। जिन अन्य राजनेताओं को मिली सीआरपीएफ Security कवर को घटा दिया है इनके नाम हैं – लालू प्रसाद यादव, उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा और भाजपा सांसद राजीव प्रताप रुडी हैं। विपक्ष से सतीश चंद्र मिश्र, लालू यादव, पप्पू यादव की सुरक्षा घटी है, वहीं पक्ष से डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, मंत्री सुरेश राणा, सांसद साक्षी महाराज, विधायक संगीत सोम की सुरक्षा भी वापस ली गई है।
इनके नामों को केंद्रीय सूची (सीआरपीएफ सुरक्षा) से हटा दिया गया है। वहीं लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान के सीआरपीएफ कवर को वापस ले लिया गया है और उनकी सुरक्षा को घटाकर वाई श्रेणी का कर दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। वीआईपी लोगों की सुरक्षा पर गृह मंत्रालय की ओर से लंबी समीक्षा की गई है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में सीआरपीएफ के तहत सुरक्षा प्राप्त वीआईपी लोगों की सुरक्षा की व्यापक समीक्षा की। इसके बाद एसपी अध्यक्ष को उपलब्ध करवाया गया विशिष्ट राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कवर वापस लेने का फैसला किया गया। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि अखिलेश को दूसरी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी की सेवा मुहैया करवाई जाएगी या उनका केंद्रीय सुरक्षा कवच पूरा हटा लिया गया है।
हालांकि, एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव का एनएसजी ‘ब्लैक कैट’ सुरक्षा कवच पहले की तरह बरकरार रहेगा। केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान 2012 में अखिलेश को यह सुरक्षा दी गई थी। अत्याधुनिक हथियारों से लैस 22 एनएसजी कमांडो का एक दल अखिलेश के साथ तैनात रहता था।
सूत्रों के मुताबिक कम से कम दो दर्जन अन्य वीआईपी लोगों की सुरक्षा या तो वापस ली जाएगी या घटाई गई है।
निशाने पर ये 32 और भी हैं
वीआईपी सुरक्षा में कटौती को लेकर मंत्रालय में समीक्षा बैठक की गई, इसके बाद खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार यह फैसला लिया। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह के निशाने पर 32 वीवीआईपी हैं जिनकी सुरक्षा को लेकर चर्चा हो रही है और अभी बाकी कटौती भी हो सकती है।
-एजेंसियां