ट्राई के फैसले से मुश्किल में ‘एप्पल’, लाखों आई फोन बन जाएंगे खिलौने
नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के एक फैसले ने एक बार फिर से टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी एप्पल को मुश्किल में डाल दिया है। ऐसा भी हो सकता है कि ट्राई आईफोन की भारत में सर्विस बंद कर दे जिसके बाद आईफोन में किसी भी भारतीय टेलीकॉम का सिम कार्ड सपोर्ट नहीं करेगा। बता दें कि इससे पहले भी डू नॉट डिस्टर्ब एप को लेकर ट्राई और एप्पल आमने-सामने आ चुके हैं।
ट्राई और एप्पल के बीच बार-बार क्यों हो रहा है विवाद
दरअसल, एप्पल को ट्राई की अनचाही कॉल्स रोकने वाले एप pesky को अपने एप स्टोर में जगह देनी है लेकिन ट्राई की तमाम कोशिशों के बावजूद एप्पल ने उपभोक्ताओं के डाटा की सुरक्षा का हवाला देते हुए इसे अपने एप स्टोर में जगह नहीं दी है। सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के प्रबंध निदेशक (एमडी) राजन मैथ्यूज ने कहा है कि अगर 6 महीने में कंपनी इस एप को जगह नहीं देती है तो ट्राई ऑपरेटर्स पर नेटवर्क पर आईफोन बंद करने का दबाव बना सकता है।
नए नियम से दबाव में सेवा प्रदाता
मैथ्यूज ने कहा कि नए नियमों से सेवा प्रदाताओं पर दबाव रहेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल दूरसंचार कंपनियों के लिए लागत बड़ा मुद्दा है, जिस पर विमर्श चल रहा है। ट्राई ने ब्लॉकचेन तकनीक अपनाने को कहा है जबकि किसी भी दूरसंचार कंपनी ने अब तक महंगी ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाने पर सहमति नहीं दी है।
50 हजार से 50 लाख तक जुर्माना
ट्राई ने इस मामले में नियम नहीं मानने पर सेवा प्रदाता पर 1,000 रुपये से लेकर 50,00,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा है। ऐसे में दूरसंचार कंपनियों के लिए एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई है। यही वजह है कि सभी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां एक होकर सीओएआई के जरिये विरोध दर्ज करा रही हैं।
नई प्रौद्योगिकी से खास फर्क नहीं
दूरसंचार विशेषज्ञ निखिल पाहवा ने कहा कि ट्राई ने अनचाही कॉल्स रोकने के लिए ब्लॉकचेन और रेग्युलेटरी सेंड बॉक्स जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की पेशकश की है। यह जटिल और महंगी व्यवस्था है। रहा सवाल उपभोक्ताओं की परेशानी का तो इससे आसानी से हल नहीं निकलेगा। विशेषज्ञ का मानना है कि पिछले नियम भी काफी सख्त थे लेकिन टेली मार्केटिंग कंपनियों ने उनका भी तोड़ निकाल लिया था। अगर नए नियम को लागू करने के साथ निगरानी नहीं की गई, तो इससे भी कोई हल नहीं निकलेगा।
गौरतलब है कि ट्राई ने नए नियमों के तहत टेली मार्केटिंग कंपनियों द्वारा कॉल या मैसेज भेजने से पहले उपभोक्ताओं की सहमति अनिवार्य कर दी है। ट्राई ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से भी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कंपनियों का पंजीकरण सुनिश्चित करने को कहा है।
-एजेंसी